सेना और राजनीतिक दलों के दबाव में यूनुस, फिर भी एक साल बढ़ाया कार्यकाल
बांग्लादेश: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस आखिरकार झुकने को मजबूर हो गए हैं. पिछले साल अगस्त से सत्ता पर काबिज यूनुस के खिलाफ महीनों से देश में विरोध बढ़ता जा रहा था. देश के कई राजनीतिक पार्टियां और संगठन देश में दिसंबर तक आम चुनाव की मांग कर रहे थे. मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने रविवार को कहा कि वे अगले साल 30 जून से आगे पद पर नहीं रहेंगे और उस समय सीमा से पहले राष्ट्रीय चुनाव करा लिए जाएंगे. हालांकि उनका विरोध इतना था कि उनको किसी भी दिन देश की कुर्सी से उतरना पड़ सकता था, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल को लगभग एक साल के लिए बढ़ा लिया है. प्रोफेसर यूनुस ने तर्क दिया कि हम युद्ध की स्थिति में हैं और ऐसे में एकता जरूरी है. उन्होंने राजनीतिक दलों को विश्वास दिलाया कि चुनाव दिसंबर से 30 जून 2026 के बीच होंगे. साथ ही कहा कि वे अगले साल 30 जून के बाद एक दिन भी कुर्सी पर नहीं रहेंगे.
राजनीतिक दलों की बैठक के बाद फैसला
ये फैसला यूनुस ने स्टेट गेस्ट हाउस जमुना में कई राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने के बाद लिया है. रविवार को यूनुस ने बढ़ता विरोध देख देश के कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी. जो मांग कर रहे हैं कि देश में दिसंबर तक चुनाव कराया जाए. इससे पहले इस मांग को बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमा ने उठाया था. जिसके बाद राजनीतिक दलों ने इसको और हवा दी और देशभर में यूनुस के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे.
हम युद्ध की स्थिति में- यूनुस
मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल के मुताबिक प्रोफेसर यूनुस ने नेताओं से कहा, "हम युद्ध की स्थिति में हैं, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने के बाद, वे देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें इससे खुद को बचाना होगा." उन्होंने एकता की आवश्यकता पर भी जोर देते हुए कहा, "हमें विभाजनों को दूर करना होगा और आम सहमति बनाए रखनी होगी. देश के अंदर और बाहर दोनों जगह एक साजिश चल रही है, जिसका उद्देश्य हमें वापस अधीनता में धकेलना है. वे देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं."