सारंगपुर। सारंगपुर विधायक एवं राज्य मंत्री गौतम टेटवाल को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से बडी राहत मिली है। सारंगपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के सुल्तानिया ग्राम पंचायत के सरपंच की ओर से हाई कोर्ट में सारंगपुर विधायक के खिलाफ चुनाव के दौरान नामांकन फार्म के साथ लगाए गए जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। वही हाई कोर्ट ने पर्याप्त सबूत और जिन दस्तावेजों के आधार पर याचिका दायर की थी, उसके वास्तविक पक्षकार का हस्तक्षेप नहीं होने से न्यायालय ने याचिकाकर्ता को थर्ड पार्टी मानते हुए याचिका खारिज कर दी। बीती 11 जुलाई को सुल्तानिया ग्राम पंचायत के सरपंच एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र हाथिया ने इंदौर हाई कोर्ट में एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत की ओर से सारंगपुर विधायक गौतम टेटवाल के खिलाफ जाति मामले को लेकर दर्ज करवाई। इंदौर हाई कोर्ट के जस्टिस प्रणव वर्मा ने बुधवार को प्राथमिक स्तर पर की गई सुनवाई में ही याचिका को काफी दस्तावेज और याचिका कर्ता को थर्ड पार्टी मानकर निरस्त कर दिया है। रिट पिटीशन मामलों के एक्सपर्ट हाई कोर्ट एड्वोकेट के मनीष विजयवर्गीय ने बताया कि मामले में याचिका कर्ता ने जिन दस्तावेजों को न्यायालय में प्रस्तुत किया था उनमें मेमो में दिए दस्तावेजों के मुताबिक सत्यापित शपथ पत्र और पेज नंबर 28, 33, 35 ,51, 54, 73 और 75,76 प्रस्तुत नहीं किए गए। साथ ही 59 सेलेकर 68 तक संख्या तक डार्क कॉपी थे सभी दस्तावेज सत्यापित अथवा असल कॉफी में प्रस्तुत नहीं किए गए और फोटो कॉपी प्रस्तुत की गई थी। विधायक पुत्र के राजगढ के एक मामले को आधार बनाकर जाति मामला उठाया गया था लेकिन जिस पॉइंट को इन्होंने आधार माना। इस बिंदु पर हाई कोर्ट में संबंधित पक्षकार के हस्तक्षेप नहीं होने पर याचिका कर्ता को थर्ड पार्टी माना। ऐसे में याचिका पहली हीयरिंग में ही सुनवाई योग्य नहीं होने से निरस्त कर दिया गया।