राजगढ। विगत 05 वर्ष में जिले में लगभग 573 आंगनवाडियों स्वीकृत हुई थी। महिला एवं बाल विकास विभाग से स्वीकृत इन आंगनवाडियों का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अभिसरण से किया जाना था, परंतु निर्माण स्थल पर अतिक्रमण एवं अन्य दूसरे कारणों से 158 आंगनवाडियों का निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद रूक गया, जबकि 68 आंगनवाडियों का निर्माण प्रारंभ ही नहीं हो सका। ऐसे में विभागीय समीक्षा के दौरान जब यह मामला कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के संज्ञान में आया तो उन्होनें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महीप किशोर तेजस्वी के साथ दोनों विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों की नियमित समीक्षा प्रारंभ की। सतत समीक्षा के कारण दोनों विभागों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान त्वरित गति से प्रारंभ हुआ। परिणाम स्वरूप जिन आंगनवाडिय़ों का निर्माण, छोटी मोटी कागजी कार्यवाही की वजह से रूके हुआ था, उनका निर्माण तुरंत ही प्रारंभ हो गया। जहां पर निर्माण स्थल पर अतिक्रमण था, वहां पर तहसीलदार के माध्यम से सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटवाया गया और जहां राशि के अभाव में कार्य रूका हुआ था, उन आंगनवाडियों को राशि जारी करायी गयी। कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के इस सम्मिलित प्रयास से आज जिले में 158 आंगनवाडियों का रूका हुआ, कार्य प्रारंभ हो चुका हैं। जिसमे 68 आंगनवाडियों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है।